नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) भारत सरकार द्वारा शुरू की गई एक आधुनिक, पारदर्शी और दीर्घकालिक पेंशन योजना है, जो लोगों को सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से बनाई गई है। यह न केवल वेतनभोगी कर्मचारियों बल्कि निजी और असंगठित क्षेत्र के नागरिकों के लिए भी उपलब्ध है। NPS को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) द्वारा नियंत्रित किया जाता है
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नेशनल पेंशन सिस्टम: भूमिका और उद्देश्य
एनपीएस को 1 जनवरी 2004 को शुरू किया गया था, जिसका मकसद नागरिकों में सेवानिवृत्ति के लिए नियमित बचत को प्रोत्साहित करना है। इसकी सबसे बड़ी खूबी यह है कि यह एक स्वैच्छिक, निर्धारित अंशदायी योजना (Defined Contribution Scheme) है, जिसमें अंशदाता अपनी आयु, जोखिम की क्षमता और वित्तीय लक्ष्यों के हिसाब से राशि जमा कर सकता है
योजना की मुख्य विशेषताएँ
- पोर्टेबिलिटी: NPS खाते को देश के किसी भी हिस्से से संचालित किया जा सकता है; नौकरी बदलने या स्थानांतरण पड़ने पर इसे नया खाता खोलने की जरूरत नहीं पड़ती
- कम लागत: अन्य निवेश विकल्पों के मुकाबले एनपीएस में प्रशासनिक शुल्क बहुत कम है, जिससे रिटर्न अधिक मिलता है
- नॉमिनेशन और ऑनलाइन सुविधा: इसमें नॉमिनी जोड़ने की सुविधा और खाते का पूरा ऑनलाइन प्रबंधन संभव है
- पेंशन फंड मैनेजर का चुनाव: अंशदाता अपनी पसंद के पेंशन फंड मैनेजर और निवेश योजना का चुनाव कर सकता है
- लचीलेपन के साथ अनुशासन: अंशदाता को किस्त, राशि और निवेश के तरीके चुनने की छूट है, जिससे अनुशासित रूप से बचत की आदत बनती है
एनपीएस के प्रकार
NPS में दो प्रकार के खाते होते हैं:
- टियर-I खाता: यह मुख्य पेंशन खाता है जिसमें न्यूनतम 500 रुपये की शुरुआती जमा और साल में कम-से-कम 1000 रुपये का अंशदान जरूरी है। इस खाते से निकासी पर शर्तें लागू हैं; रिटायरमेंट से पहले आधारभूत निकासी ही संभव है.
- टियर-II खाता: यह एक वोलंटरी/स्वैच्छिक खाता है, जिसमें ग्राहक कभी भी पैसा जमा और निकाल सकता है। इस खाते में कोई लॉक-इन नहीं होता, लेकिन टैक्स छूट सीमित है
निवेश के विकल्प व फंड मैनेजमेंट
NPS में निवेश के लिए दो विकल्प मिलते हैं:
- एक्टिव चॉइस (Active Choice): इसमें ग्राहक अपनी राशि को चार एसेट क्लास (इक्विटी, कॉरपोरेट डेट, गवर्नमेंट सिक्योरिटी, ऑल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट) में मनचाही मात्रा में डाल सकता है।
- ऑटो चॉइस (Auto Choice): जिनको फंड मैनेजमेंट की समझ कम है, उनके लिए यह विकल्प उपयुक्त है। इसमें उम्र अनुसार पोर्टफोलियो अपने-आप बदल जाता है—युवावस्था में अधिक इक्विटी और रिटायरमेंट के करीब अधिक सुरक्षित निवेश
अंशदान और टैक्स लाभ
- हर व्यक्ति साल में न्यूनतम 1000 रुपये और अधिकतम कोई सीमा नहीं, अपनी पसंद के अनुसार जमा कर सकता है
- धारा 80C के तहत 1.5 लाख रुपये और 80CCD(1B) के तहत अतिरिक्त 50,000 रुपये टैक्स छूट मिलती है। कुल 2 लाख रुपये तक सालाना टैक्स बचत संभव है
- रिटायरमेंट पर 60% राशि एकमुश्त निकाल सकते हैं, जो टैक्स-फ्री होती है; शेष 40% से एन्युटी खरीदनी होती है, जिससे पेंशन मिलती है
एनपीएस में निवेश की प्रक्रिया
- भारतीय नागरिक (18 से 70 वर्ष) इसमें शामिल हो सकते हैं।
- PRAN (Permanent Retirement Account Number) के लिए पंजीकरण करना होता है।
- इसे बैंक, पोस्ट ऑफिस, ऑनलाइन पोर्टल्स या मोबाइल ऐप के माध्यम से खोला जा सकता है
निकासी के नियम
- 60 वर्ष की आयु के बाद टियर-I खाते से 60% हिस्सा टैक्स-फ्री निकाल सकते हैं, शेष 40% राशि से आजीवन पेंशन (एन्युटी) लेनी होती है
- खास परिस्थितियों (गंभीर बीमारी, बच्चों की उच्च शिक्षा आदि) में 25% तक की आंशिक निकासी (तीन अवसरों तक) की अनुमति है
- निकासी के दौरान PAN और बैंक डिटेल्स अपडेट रखना जरूरी है
एनपीएस के लाभ
सेवानिवृत्ति के बाद वित्तीय सुरक्षा
एनपीएस व्यक्ति को नियमित आय का भरोसा देता है, जिससे वृद्धावस्था में आत्मनिर्भर बने रहना संभव होता है
लंबी अवधि में उच्च रिटर्न
एक्विटी और डेट का संतुलन होने के कारण एनपीएस में रिटर्न सामान्य बचत से अधिक रहने की संभावना है, हालांकि इसमें बाजार जोखिम भी मौजूद हैं
कर लाभ और रियायतें
एनपीएस पर परमिशन के तीनों स्तरों (E-E-E: निवेश, पूंजी वृद्धि, निकासी) पर टैक्स छूट मिलती है, जिससे टैक्स बचत होती है
संरचना और पारदर्शिता
पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी की सख्त निगरानी और अनेक निवेश विकल्पों की पारदर्शिता एनपीएस को आम जनता के लिए विश्वसनीय बनाती है
एनपीएस और अन्य पेंशन योजनाओं की तुलना
| बिंदु | NPS | PPF | EPF |
|---|---|---|---|
| टैक्स छूट | 2 लाख तक | 1.5 लाख तक | 1.5 लाख तक |
| लिक्विडिटी | सीमित | आंशिक निकासी | मुख्यतः रिटायरमेंट मे |
| रिटर्न | बाज़ार आधारित | निश्चित | निश्चित |
| पेंशन गारंटी | नहीं | नहीं | नहीं |
चुनौतियाँ और सुझाव
- बाजार जोखिम होने के कारण छोटा जमाकर्ता वर्ग हिचकिचाहट दिखा सकता है।
- जागरूकता की कमी, निवेश एडवाइजरी की कमी और पारदर्शिता पर भरोसा बनाना जरूरी है।
- सरकार द्वारा और जागरूकता अभियान चलाए जा सकते हैं।
निष्कर्ष
नेशनल पेंशन सिस्टम उन लोगों के लिए आदर्श है, जो अपने भविष्य की वित्तीय सुरक्षा खुद सुनिश्चित करना चाहते हैं। बहुपक्षीय लाभ, सरकार की गारंटी, निवेश का लचीलापन और टैक्स छूट इसे सबसे आकर्षक पेंशन योजनाओं में शामिल करते हैं। आज के समय में जब पारंपरिक पेंशन का चलन कम हो रहा है, एनपीएस आने वाले समय में देश के नागरिकों के आर्थिक भविष्य को मजबूत बना सकता है
वृद्धावस्था की अच्छी योजना आज से शुरू करें, ताकि भविष्य में ‘सुनहरा कल’ सुनिश्चित हो सके। नेशनल पेंशन सिस्टम सिर्फ एक योजना नहीं, बल्कि आत्मनिर्भर भारत की कल्पना को साकार करता है
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