प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन (PM-SYM) योजना भारत सरकार द्वारा असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों के लिए चलाई जाने वाली एक महत्वाकांक्षी पेंशन योजना है। यह योजना ऐसे लोगों के लिए है जो औपचारिक सामाजिक सुरक्षा कवच से बाहर हैं और जिनका मासिक वेतन 15,000 रुपये तक है। इस लेख में योजना की विशेषताओं, पात्रता, लाभ, आवेदन प्रक्रिया, और इससे जुड़ी मुख्य जानकारी का विस्तार से वर्णन किया गया है.
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योजना का उद्देश्य
प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के श्रमिकों को वृद्धावस्था में वित्तीय सुरक्षा और सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। सरकार का मानना है कि देश के लगभग 42 करोड़ असंगठित श्रमिक अपनी वृद्धावस्था के लिए बचत करने में असमर्थ हैं, इसलिए यह योजना उनके लिए सहारा है
पात्रता और लाभार्थी
- यह योजना मुख्यतः असंगठित क्षेत्र में कार्यरत घर पर काम करने वाले श्रमिकों, रेहड़ी-पटरी वालों, निर्माण मज़दूरों, खेतिहर मज़दूरों, रिक्शा चालक, घरेलू कामगार, बीड़ी मजदूर, धोबी, मोची, कूड़ा बीनने वाले, ईंट-भट्टा मज़दूर, और इसी तरह के अन्य व्यवसायों में लगे श्रमिकों के लिए है।
- योजना से जुड़ने के लिए आवेदक की उम्र 18 से 40 वर्ष होनी चाहिए और मासिक आय 15,000 रुपये या उससे कम होनी चाहिए।
- आवेदक आयकर दाता, EPFO या ESIC सदस्य नहीं होना चाहिए
योजना की विशेषताएँ
- न्यूनतम निश्चित पेंशन: 60 वर्ष की आयु पूरी होने पर हर लाभार्थी को न्यूनतम 3,000 रुपये प्रति माह की पेंशन दी जाएगी।
- पारिवारिक पेंशन: यदि लाभार्थी की पेंशन प्राप्ति के दौरान मृत्यु हो जाती है, तो उसके जीवनसाथी को पेंशन राशि का 50% पारिवारिक पेंशन के रूप में मिलेगा।
- यह अंशदायी अर्थात contributory योजना है, जिसमें सरकार और लाभार्थी दोनों बराबर अंशदान करते हैं
अंशदान की राशि
- 18 से 40 वर्ष की उम्र के अनुसार अंशदान राशि अलग-अलग होती है जैसे:
- 18 वर्ष की उम्र में: 55 रुपये प्रति माह
- 29 वर्ष की उम्र में: 100 रुपये प्रति माह
- 35 वर्ष की उम्र में: 150 रुपये प्रति माह
- 40 वर्ष की उम्र में: 200 रुपये प्रति माह
- जितना रकम श्रमिक जमा करता है, उतना ही सरकार भी मिलाकर देती है। यानी कुल मासिक योगदान दोगुना हो जाता है
अभिदाता द्वारा अंशदान:
पीएम-एसवाईएम में अभिदाता का अंशदान उसके बचत बैंक खाते/जन-धन खाते से ‘ऑटो-डेबिट’ सुविधा के माध्यम से किया जाएगा। अभिदाता को पीएम-एसवाईएम में शामिल होने की आयु से लेकर 60 वर्ष की आयु तक निर्धारित अंशदान राशि का अंशदान करना आवश्यक है। प्रवेश आयु के अनुसार मासिक अंशदान का विवरण दर्शाने वाला चार्ट इस प्रकार है:

आवेदन और नामांकन प्रक्रिया
- आवेदन के लिए लाभार्थी को आधार कार्ड, सेविंग बैंक अकाउंट या जन-धन खाता नंबर के साथ पासबुक की जरूरत होती है।
- सबसे नज़दीकी कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) में जाकर आवेदन किया जा सकता है।
- CSC संचालक व्यक्ति के बायोमैट्रिक और दस्तावेजों की जांच कर योजना में नामांकन करता है।
- सेल्फ-एनरोलमेंट की सुविधा भी है
योजना से जुड़ने के लाभ और सुरक्षा
- वृद्धावस्था में नियमित आय का भरोसा मिलता है।
- लाभार्थी की मृत्यु होने पर परिवार को पेंशन का लाभ मिलता है।
- यह योजना पूरी तरह सुरक्षित है, सरकार द्वारा गारंटीड और LIC द्वारा प्रबंधित है, जिससे निवेश का कोई जोखिम नहीं है
निष्कर्ष और चुनौतियां
PM-SYM योजना असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए एक बेहतरीन सुरक्षा कवच है। इसे समझने और अपनाने की जरूरत है क्योंकि अभी भी देश में बड़ी संख्या में लोग इससे जुड़े नहीं हैं। हालांकि, हाल के वर्षों में नामांकन की रफ्तार और सरकारी योगदान में गिरावट आई है, जिसके कारण योजना के प्रभाव पर सवाल उठे हैं
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
- कौन-कौन आवेदन नहीं कर सकता? जो आयकर दाता हैं या EPFO/ESIC सदस्य हैं।
- अगर बीच में योगदान बंद हो जाए? कुछ स्थितियों में पैसा वापस लेने की सुविधा है।
- पेंशन की शुरुआत कब होगी? 60 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद।
प्रधानमंत्री श्रम योगी मान-धन योजना उन करोड़ों असंगठित श्रमिकों के लिए उम्मीद की किरण है जो अपनी मेहनत के बदले भविष्य के लिए कुछ संजो नहीं पाते। सही जानकारी और जागरूकता के साथ यह योजना इन लोगों की वृद्धावस्था को सुरक्षित बना सकती है
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